Shaktikanta Das – News Network https://newsnetwork.live Wed, 09 Oct 2024 06:59:15 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 गलत खाते में फंड ट्रांसफर पर लगेगी रोक, RBI करने जा रहा है ये बड़ा काम https://newsnetwork.live/2024/10/09/beneficiary-account-name-look-up-facility/ https://newsnetwork.live/2024/10/09/beneficiary-account-name-look-up-facility/#respond Wed, 09 Oct 2024 06:59:15 +0000 https://sarvodayanews.com/?p=20038

RBI MPC Meeting: कई बार बैंक ग्राहक (Bank Customers) आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) के जरिए ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने के दौरान गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं. पर जल्द ही बैंक कस्टमर्स की ओर से की जाने वाली ऐसी गलतियां कम हो जाएंगी साथ ही फ्रॉड पर भी लगाम लग जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम और नेशनल इलेट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर करने के लिए ट्रांजैक्शन एग्जीक्यूट करने से पहले फंड्स रेमिटर यानि पैसे ट्रांसफर करने वाले उससे पहले रिसीवर यानि बेनिफिशियरी अकाउंट होल्डर के नाम को वेरिफाई कर सकेंगे. आरबीआई ने बेनिफिशियरी अकाउंट नेम लुक-अप फैसिलिटी को शुरू करने का फैसला किया है.

यूपीआई और IMPS में है बेनिफिशियरी के वेरिफिकेशन की सुविधा 

मौजूदा समय में जब भी यूपीआई (UPI) या इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) के जरिए पैसे ट्रांसफर करने पर रेमीट्टर ऑफ फंड्स (Remitter of Funds) यानि जो पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं उनके पास विकल्प होता है कि वे पेमेंट ट्रांजैक्शन करने से पहले रिसीवर या बेनिफिशियरी के नाम को वेरिफाई करें. लेकिन ये सुविधा आरटीजीएस (Real Time Gross Settlement System) या एनईएफटी (National Electronic Funds Transfer) सिस्टम में उपलब्ध नहीं था.

RTGS-NEFT में बेनिफिशियरी के वेरिफिकेशन होगा संभव 

मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक (MPC Committee Meeting) के बाद अपने संबोधन में भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा, अब ये प्रस्ताव है कि रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर के जरिए फंड ट्रांसफर करने के लिए भी यूपीआई (UPI) और आईएमपीएस ( Immediate Payment Service) के समान ऐसी फैसिलिटी शुरू की जाए. आरबीआई गवर्नर ने बताया कि, इस सुविधा के शुरू होने पर रेमीट्टर आरटीजीएस या एनईएफटी के जरिए फंड ट्रासंफर करने से पहले अकाउंट होल्डर के नाम को वेरिफाई कर सकेंगे. इससे गलत खाते में फंड क्रेडिट करने की संभावनाएं कम हो जाएंगी साथ ही फ्रॉड पर भी लगाम लगाया जा सकेगा.

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महंगी ईएमआई से नहीं मिली राहत, आरबीआई ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव https://newsnetwork.live/2024/10/09/no-relief-from-expensive-emi/ https://newsnetwork.live/2024/10/09/no-relief-from-expensive-emi/#respond Wed, 09 Oct 2024 05:29:58 +0000 https://sarvodayanews.com/?p=20035

RBI Repo Rate: अगर आप भी लंबे समय से होम लोन की ईएमआई (EMI) कम होने का इंतजार कर रहे हैं तो आरबीआई (RBI) ने आपको फ‍िर से न‍िराश कर द‍िया है. 7 अक्‍टूबर को शुरू हुई तीन द‍िवसीय द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) का आज आख‍िरी द‍िन है. आरबीआई ने लगातार दसवीं बार रेपो रेट में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं क‍िया. केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट को 6.5 प्रत‍िशत पर ही बरकरार रखा है. आरबीआई (RBI) चीफ शक्‍त‍िकांत दास ने एमपीसी में ल‍िये गए फैसले के बारे में जानकारी दी. उन्‍होंने बताया क‍ि एमपीसी में रेपो रेट में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं करने का फैसला क‍िया गया. र‍िजर्व बैंक की तरफ से आख‍िरी बार फरवरी, 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5 प्रत‍िशत क‍िया था.

फेड र‍िजर्व ने की थी 50 बेस‍िस प्‍वाइंट की कटौती

आरबीआई की तरफ से रेपो रेट नहीं बदलने का फैसला ल‍िये जाने के बाद सस्‍ते होम लोन, पर्सनल लोन या कार लोन का इंतजार करने वालों को फ‍िर से झटका लगा है. इससे पहले स‍ितंबर के महीने में फेड र‍िजर्व की तरफ से ब्‍याज दर में 50 बेस‍िस प्‍वाइंट की कटौती क‍िये जाने के बाद आरबीआई के ऊपर भी ब्‍याज दर नीचे लाने का दवाब बढ़ गया था. हालांक‍ि कुछ जानकार द‍िसंबर में होने वाली एमपीसी में ब्‍याज दर में कटौती की उम्‍मीद कर रहे हैं.

साल में 6 बार होती है मीटिंग

केंद्रीय बैंक की तरफ से हर साल 6 बार मॉनेटरी पॉलिसी की मीटिंग होती है. वित्त वर्ष 2024-25 की यह तीसरी एमपीसी मीटिंग हुई है. इस मीटिंग में रिजर्व बैंक की तरफ से महंगाई दर को ध्‍यान में रखकर रेपो रेट की समीक्षा की जाती है. इस पर क‍िसी भी प्रकार का फैसला लेने से पहले आरबीआई डिमांड, सप्लाई, इंफ्लेशन और क्रेडिट जैसी कई फैक्टर्स को ध्यान में रखता है.

आप पर क्‍या होता है असर?

आरबीआई की तरफ से रेपो रेट घटाने या बढ़ने का असर बैंकों की तरफ से द‍िये जाने वाले लोन की ब्याज दर पर पड़ता है. रेपो रेट बढ़ने के बाद बैंकों की तरफ से होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन समेत सभी प्रकार के लोन को महंगा कर द‍िया जाता है. आसान शब्‍दों में कहें तो बैंक ब्‍याज दर बढ़ा देते हैं. लेक‍िन यद‍ि आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है तो इससे लोन की ब्‍याज दर कम होती है.

क्‍या होता है रेपो रेट?

जिस रेट पर आरबीआई की तरफ से बैंकों को लोन द‍िया जाता है, उसे रेपो रेट कहते हैं. रेपो रेट बढ़ने का मतलब है क‍ि बैंकों को आरबीआई से महंगे रेट पर लोन मिलेगा. इससे होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन आद‍ि की ब्‍याज दर बढ़ जाएगी, ज‍िसका आपकी ईएमआई पर सीधा असर पड़ेगा.

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नहीं कम होगी आपकी ईएमआई, रिजर्व बैंक ने 9वीं बार स्थिर रखा रेपो रेट, सस्ते कर्ज का इंतजार जारी https://newsnetwork.live/2024/08/08/rbi-mpc-august-2024/ https://newsnetwork.live/2024/08/08/rbi-mpc-august-2024/#respond Thu, 08 Aug 2024 04:56:22 +0000 https://sarvodayanews.com/?p=13474

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास आज (8 अगस्त) मौद्रिक नीति की घोषणा की. मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने 6 अगस्त से 8 अगस्त तक वित्त वर्ष 25 के लिए अपनी थर्ड-बाय मंथली पॉलिसी बैठक आयोजित की और उसी के परिणाम आज RBI गवर्नर घोषित की.

आरबीआई एमपीसी नौवीं बार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर बनाए रखा है, जो फरवरी 2023 से लगातार आठ नीति समीक्षाओं के लिए अपरिवर्तित रही.

वित्त वर्ष 2025 के लिए वास्तविक जीडीपी 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है, जिसमें ‘जोखिम समान रूप से संतुलित’ हैं.

  • Q1-7.2
  • Q2 – 7.2
  • Q3- 7.3
  • Q4 – 7.2

वित्त वर्ष 2025 के लिए मुद्रास्फीति पूर्वानुमान- 4.5 फीसदी

  • Q2 के लिए मुद्रास्फीति- 4.4 फीसदी (3.8 फीसदी से संशोधित)
  • Q3- 4.7 फीसदी (4.6 फीसदी से संशोधित)
  • Q4- 4.3 फीसदी (4.5 फीसदी से संशोधित)
  1. RBI गवर्नर ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति का भार मुख्य मुद्रास्फीति पर 46 फीसदी है. इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
  2. बैंकों और निगमों का हेल्थी बैलेंस शीट, सरकार के पूंजीगत खर्च पर जोर और निजी निवेश में तेजी से निवेश संभावनाओं को बढ़ावा देंगे.
  3. गवर्नर दास ने कहा कि पीएमआई सेवाएं मजबूत रहीं और लगातार 7 महीनों से 60 से ऊपर रहीं.
  4. RBI गवर्नर ने कहा कि हमने विकास सुनिश्चित करने के लिए मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने और मूल्य स्थिरता का समर्थन करने का निर्णय लिया है.
  5. अप्रैल-मई में स्थिर रहने के बाद जून में फूड के कारण हेडलाइन महंगाई में बढ़ोतरी हुई, जो कि अभी भी स्थिर बनी हुई है. तीसरी तिमाही में, हमें बेस इफेक्ट का फायदा मिलेगा, जो हेडलाइन महंगाई के आंकड़ों को नीचे खींचेगा.
  6. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने 4:2 बहुमत से नीतिगत रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया.

जून में RBI MPC में क्या निर्णय लिया गया?

जून में, RBI MPC ने लगातार आठवीं बार रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बनाए रखने और सहूलियत वापस लेने के अपने रुख पर कायम रहने के लिए 4-2 से मतदान किया. RBI ने इसके बाद FY25 के लिए अपने GDP विकास पूर्वानुमान को संशोधित कर 7.2 फीसदी कर दिया, जो पिछले अनुमान 7 फीसदी से अधिक था और FY25 के लिए मुद्रास्फीति पूर्वानुमान 4.5 फीसदी पर स्थिर रहा.

अगली RBI MPC बैठक कब होगी?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इन डेट पर MPC बैठकें आयोजित करने वाला है- 7 से 9 अक्टूबर, 4 से 6 दिसंबर और 5 से 7 फरवरी, 2025.

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