Budget 2024 – News Network https://newsnetwork.live Wed, 24 Jul 2024 15:08:32 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.2 आय नहीं, निवेश पर लगता था Angel Tax; क्या इसे हटाने से विदेशी निवेश लाने में मिलेगी मदद? https://newsnetwork.live/2024/07/24/angel-tax-was-levied-on-investment-not-income/ https://newsnetwork.live/2024/07/24/angel-tax-was-levied-on-investment-not-income/#comments Wed, 24 Jul 2024 15:08:32 +0000 https://sarvodayanews.com/?p=13276

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते मंगलवार को बजट भाषण 2024 में स्टार्टअप के लिए Angel Tax को खत्म करने का ऐलान किया। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के एक बड़े अधिकारी ने इस फैसले को सही ठहराते हुए बुधवार को कहा कि एंजल टैक्स को हटाना एक लंबित मुद्दा था, क्योंकि यह टैक्स देश में आने वाले निवेश पर लगाया जाता था और इस तरह के विदेशी निवेश पर कर नहीं लगाया जाना चाहिए। भाषा की खबर के मुताबिक, डीपीआईआईटी के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि इस फैसले से विदेशी निवेश आकर्षित करने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और देश के स्टार्टअप परिवेश को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

Angel Tax आय पर नहीं बल्कि निवेश पर था

खबर के मुताबिक, सिंह ने कहा कि यह कारोबार सुगमता का मुद्दा होने के साथ-साथ टैक्स का मुद्दा भी था। आखिरकार यह आय पर नहीं बल्कि निवेश पर कर था और निवेश पर कर नहीं लगना चाहिए, यही मूल विचार है। एंजल कर (30 प्रतिशत से अधिक की दर से आयकर) का मतलब वह आयकर है जो सरकार गैर-सूचीबद्ध कंपनियों या स्टार्टअप द्वारा जुटाई गई धनराशि पर लगाती है, अगर उनका मूल्यांकन कंपनी के उचित बाजार मूल्य से अधिक है। इस फैसले से विवाद तथा मुकदमेबाजी में भी कमी आएगी। टैक्स निश्चितता और नीतिगत स्थिरता आएगी। इसके अलावा, टैक्स निर्धारण और मुकदमेबाजी में उलझी मांग में भी कमी आएगी।

भारतीय स्टार्टअप में निवेश आकर्षित होगा

सचिव ने कहा कि निवेशक संभावित नए इनोवेशन पर निवेश करता है और यह कर उन्हें नुकसान पहुंचा रहा है। टैक्स के चलते भारत में एक वास्तविक रूप से अच्छे विचार को समर्थन नहीं मिल रहा था और यह लोगों को विदेश से पैसा लाने के लिए मजबूर कर रहा था। उन्होंने कहा कि वास्तव में इससे भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) कम हो जाता है और इससे एक ऐसी व्यवस्था बनती है, जहां लोग देश के बाहर रहते हैं और फिर लंबे समय के बाद वापस आ जाते हैं, क्योंकि आखिरकार बाजार यहीं है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि इस निर्णय से भारतीय स्टार्टअप में निवेश आकर्षित करने तथा उभरते उद्यमियों की वृद्धि को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

डीपीआईआईटी में संयुक्त सचिव संजीव ने कहा कि विभाग को संबंधित हितधारकों से कई ज्ञापन प्राप्त हुए जिनमें एंजल कर के संभावित प्रतिकूल प्रभाव पर प्रकाश डाला गया। आज की तारीख तक करीब 1.44 लाख स्टार्टअप को डीपीआईआईटी द्वारा मान्यता दी गई है।

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Budget Expectations 2024: एनपीएस में टैक्स छूट सीमा बढ़ाने की अपील, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को फायदा होने की उम्मीद https://newsnetwork.live/2024/07/16/budget-expectations-2024/ https://newsnetwork.live/2024/07/16/budget-expectations-2024/#comments Tue, 16 Jul 2024 04:26:15 +0000 https://sarvodayanews.com/?p=13203

Budget Expectations 2024: केंद्र सरकार पूर्ण बजट में राष्ट्रीय पेंशन योजना के सदस्यों को राहत देने के लिए कई घोषणाएं कर सकती है। जिसके तहत एनपीएस योगदान पर टैक्स छूट की सीमा 12 फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है। जो फिलहाल 10 फीसदी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को बजट पेश करेंगी। पेंशन फंड रेगुलेटर पीएफआरडीए ने इसी साल सरकार को टैक्स छूट सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था। इसके साथ ही उन सभी कंपनिज और एम्प्लाइज के लिए भी टैक्स के मामले में समान अवसर होने चाहिए जो ईपीएफओ से एनपीएस में योगदान दे रहे है। वर्तमान समय में इस मामले में असमानता है।

एनपीएस में मूल वेतन और महंगाई भत्ते पर 10 फीसदी टैक्स छूट मिलती है, जबकि ईपीएफओ के मामले में यह 12 फीसदी है. सरकारी कर्मचारियों के मामले में यह सीमा 14 फीसदी है। जानकारों का कहना है कि सरकार पीएफआरडीए के इस प्रस्ताव पर विचार कर सकती है।

पेंशन योजनाओं में निवेश बढ़ाना उद्देश्य

Budget Expectations 2024
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वर्तमान में धारा 80 सीसीडी (1बी) के तहत रु. 50 हजार के स्वैच्छिक योगदान से संबंधित अतिरिक्त लाभ केवल पुरानी कर व्यवस्था पर लागू है। सरकार नई टैक्स सिस्टम के तहत कटौती की अनुमति देने पर भी विचार कर सकती है। इससे सरकार के दो उद्देश्य पूरे होंगे। पहला- नई टैक्स सिस्टम (Budget Expectations 2024) के तहत टैक्स पेयर्स को अतिरिक्त कटौती का लाभ मिलेगा, दूसरा नई टैक्स मैनेजमेंट को बढ़ावा देने का सरकार का उद्देश्य पेंशन योजनाओं में निवेश बढ़ाना है।

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निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को फायदा

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वर्तमान में, ईपीएफ खाते में नियोक्ता और कर्मचारी का योगदान 12 प्रतिशत है। जिस पर टैक्स छूट मिलती है। एनपीएस में निजी क्षेत्र का केवल 10 प्रतिशत योगदान कर मुक्त है। पीएफआरडीए ने इस छूट सीमा को बढ़ाकर 12 फीसदी करने की सिफारिश की है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार एनपीएस में नियोक्ता योगदान सीमा बढ़ाती है, तो निजी क्षेत्र के कर्मचारियों और सरकारी कर्मचारियों के बीच का अंतर खत्म हो जाएगा। साथ ही इससे प्राइवेट कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट के लिए एक अच्छा फंड तैयार करने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। नई पेंशन योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों और नियोक्ताओं को 12 प्रतिशत कर राहत का लाभ भी मिलेगा।

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एक और उम्मीद

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टैक्स के मोर्चे पर भी कामकाजी वर्ग को स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत छूट की सीमा बढ़ने की उम्मीद है। वर्तमान में मानक कटौती के तहत रु. 50 हजार की छूट लागू है। 2014 के बाद से पुरानी टैक्स व्यवस्था के स्लैब और दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। करदाता को राहत की उम्मीद है। नई टैक्स सिस्टम को आकर्षक बनाने के लिए मेडिक्लेम के प्रीमियम भुगतान पर कटौती का लाभ उठाया जा सकता है।

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